Tuesday, January 19, 2021

 


NEEM


Neem ke Fayde:

डेंगू बुखार के लिए नीम

आयुर्वेद में नीम का इस्‍तेमाल सदियों से कई रोगों के इलाज में किया जाता है। हालांकि नीम के पत्ते इम्युनिटी बढ़ाते हैं, लेकिन नीम के लगभग हर हिस्से में कई औषधीय लाभ हैं। आइए जानें कि डेंगू से लड़ने के लिए नीम का इस्‍तेमाल कैसे किया जा सकता है।
  • नीम के पत्‍तों में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। इसलिए नीम के पत्तों और उसके अर्क को पीने से ब्लड प्लेटलेट और सफेद रक्त कोशिकाओं दोनों की संख्या में वृद्धि होती है। उचित रूप से पिसे हुए नीम के पत्ते प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकते हैं और कई अन्य घरेलू उपचारों की तुलना में आपकी ताकत बहुत तेजी से लौटा सकते हैं। इसके अलावा रोजाना नीम के पत्ते चबाने से इम्युनिटी बढ़ती है, खून साफ होता है और बॉडी से टोक्सिन निकलते हैं।
  • नीम के बारे में ये तो आप जानते ही होंगे कि जहां भी नीम का पेड़ होता है, वहां कीड़े-मकोड़े भटकते भी नहीं है। इसलिए नीम को कपूर के साथ रख कर जलाने पर घर में बसे मच्छरों का भी खात्मा हो जाता है।
  • बचाव इलाज से बेहतर होता है। इसलिए डेंगू को रोकने के लिए मच्छरों से बचाव करना सबसे अच्छा उपाय है। मच्छरों से राहत पाने के लिए सूखे नीम के पत्तों को जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा नीम का तेल मच्छरों से राहत पाने का बेहतर उपाय है। अगर हम नीम का तेल अपनी त्वचा पर लगायेंगे तो डेंगू का मच्छर हमें काटेगा ही नहीं।
  • नीम के पत्तों का रस पपीते के पत्तों के रस के साथ मिलाकर पीना डेंगू के इलाज के लिए बेहतर उपाय है। नीम की तरह पपीते की ताजी और छोटी पत्तियां शरीर से डेंगू के विषैले जहर को निकालने में मदद करती है। जी हां पपीते की ताजी पत्तियों को पीसकर उसके रस को रोगी को पिलाने से प्‍लेटलेट्स बढ़ने शुरु हो जाते हैं।
तो देर किस बात की डेंगू बुखार से बचना है तो आज से ही ट्राई करें नीम।  

संक्रमण से बचाये

करीब दो लीटर पानी में 50-60 नीम की पत्तियां डालकर उबालिये। उबालते वक्‍त जब पानी का रंग हरा हो जाय, तो उस पानी बोतल में छान कर रख लें। नहाते समय एक बाल्‍टी पानी में 100 मिली नीम का यह पानी डालें। यह पानी आपको संक्रमण, मुंहासों और वाइटहेड्स से छुटकारा दिलायेगा।

नीम का तेल गुणों की मेल

नीम का तेल कई साबुनों, नहाने के पाउडर, शैंपू, लोशन, टूथपेस्‍ट और क्रीम में प्रयोग किया जाता है। यह त्‍वचा की शुद्धि करता है।

फेस पैक निखारे रूप

10 नीम की पत्‍तियों को संतरे के छिलकों के साथ पानी में उबालिये। इसका पेस्‍ट बना कर उसमें शहद, दही और सोया मिल्‍क मिलाकर एक पेस्‍ट तैयार करें। हफ्ते में तीन बार इसे अपने चेहरे पर लगाने से आपको मिलेगा एक निखरता हुआ चेहरा। साथ ही आपके चेहरे से पिंपल, वाइटहेड्स, ब्‍लैकहेड्स और पोर्स छोटे हो जाएंगे।

हेयर कंडीशनर संवारे बालों की खूबसूरती

नीम एक बेहतरीन हेयर कंडीशनर भी है। पानी में उबालकर और शहद मिलाकर तैयार किया गया नीम का पेस्‍ट बालों में लगाने से रूसी की समस्‍या खत्‍म होती है। साथ ही आपके बाल मुलायम भी बनते हैं।

रूप निखारे स्‍किन टोनर

आपको महंगे-महंगे ब्‍यूटी प्रॉडक्‍ट्स पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं। अगर आपके पास नीम की पत्तियां हैं, तो आपका काम काफी आसान हो जाता है। रात एक कॉटन बॉल को नीम के पानी में डुबोकर उससे अपना चेहरा साफ करें। इससे आपको मुंहासों, झाइयां और ब्‍लैकहेड्स से निजात मिलेगी। एक अकेला नीम आपको इतनी सारी ब्‍यूटी प्रॉब्‍लम्‍स से निजात दिला सकता है।

नीम की पत्तियों और पुरुषों की प्रजनन क्षमता में है क्या कनेक्शन? जानें

नीम की चर्चा हमेशा इसके चिकित्सकीय गुणों के लिए होती है। फिर चाहे इसकी दांतुन से दांतों और मसूड़ों को होने वाले फायदे हों या फिर इसके पत्तों के रस का रक्त को शुद्ध करने का कमाल का गुण। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीम के पत्तों  के अर्क के प्रतिदिन अधिक मात्रा में सेवन से पुरुष बांझपन की समस्या हो सकती है? जी हां, आज हम आपको यह विस्तार से बताने जा रहे हैं कि नीम के रस के सेवन का पुरुषों की पुरुष क्षमता पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यदि आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और डीटॉक्स डाइट ले रहे हैं तो ऐसे में दिमाग में रोज़ तड़के एक गिलास नीम के पत्तों का जूस पीने की बात ज़रूर आती है। और हो भी क्यों ना, अभी तक नीम के जूस के सेवन से जुड़े लाभों के बारे में ही बात होती रही है और लोग भी इसका सेवन कर लाभान्वित होते रहे हैं। लेकिन हर चीज़ के दो पहलू होते हैं और कुछ गुणों के साथ अवगुण भी होते हैं। ये बात नीम के रस पर भी लागू होती है और इसके भी कुछ नुकसान होते हैं। यदि आप भी रोज़ाना सुबह नीम के पत्तों का रस पी रहे हैं तो इसके एंटी-फर्टीलिटी साइडइफेक्ट (पुरुष प्रजनन क्षमता पर दुष्प्रभाव) के बारे में भी ज़रूर पढ़ लें।

यह पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

वर्ष 2003 में जर्नल कॉन्ट्रासेप्टिव नामक जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला कि प्रतिदिन नीम के पत्तों के जलीय सत्त की 3 ग्राम या इससे अधिक खुराक शुक्राणुनाशक गतिविधि दर्शाती है। शोध के अनुसार, पुराने नीम की पतितयों का जलीय सत्त न सिर्फ वीर्य को स्थिर करता है, बल्कि 20 सोकंड के भीतर ही 100 प्रतिशत तक मानव शुक्राणुओं को मार भी देता है। शोध में आगे बताया गया कि नीम के पत्तों की न्यूनतम प्रभावी शुक्राणुनाशक सांद्रता कम से कम 2.9 मिलीग्राम / मिलियन शुक्राणु होती है। इसके अलावा शुक्राणुओं की आकृति विज्ञान पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है।

कितनी मात्रा है बहुत ज्यादा ?

शोध के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए नीम की पत्तियों के सत्त की प्रति दिन 2 मिली ग्राम मात्रा तक ही लेनी चाहिए। और यदि आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले अपने डॉक्टर से ज़ररूर सलाह ले लें।, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन आपके यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और बांझपन का कारण भी बन सकता है।

Jaanvaron ki ajeeb garib harkaten.. Dekh kar khush ho jayenge